Saturday, May 15, 2021

अब पुकार रही

तारा एक गिरा आसमां से, न टूटा, न हारा।

न टूटा, न हारा।

खिलौनों पर मेरे, बस खर्च हो गया सारा।

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तू ठीक तो है न बस यु पुचकार रही, वो माई मेरी कराह रही।

वो माई अब है मौन पड़ी, नैनो से है निहार रही, अब पुकार रही।
अब पुकार रही।
 
पिंजरे का पंक्षी, उधेड़ रहा पँख स्वर्ण सींको से।

जो लहू की धार बस नस में थी, आँख से आज वो पार हुयी।
स्वप्न मेरे जो मन में थे, कंठ को आके रूंध गए।
सीने में जो टीस उठी, उसका दर्द भी अब तेज हुआ।

तेरी मिट्टी में मिल जावा, बस इतनी सी थी आरजू।
तेरी मिट्टी में मिल जावा, बस इतनी सी थी आरजू। 
वो माई अब है मौन पड़ी, नैनो से है निहार रही, अब पुकार रही।


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नाव फंसी है भंवर में, जरा सब्र करो, बहस अब किनारे पार करेँगे।
राजनीति कब सगी हुई तेरी और मेरी, कब  तक रिश्तों को यु तार तार करेंगे।

आ आज बस फैले कांच बटोर ले,
किसने मारा यह पत्थर, यह बात किसी और रात करेंगे।

अधिकार नजर में रहते है सदा, कब कर्तव्यों से साक्षात्कार करेंगे। 

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कब खोया...

 अभी हाल ही में ३ बड़े ही विचित्र समाचार सुनने को मिले, "एक बेटा  जो अपनी माँ से नहीं अपितु उसके मृत कंकाल से मिला", "एक प्रभावशाली DM की आत्महत्या" और "एक अपार  ऐश्वर्य  के मालिक का पाई पाई को मोहताज होना". 


यह मात्र समाचार नहीं है अपितु एक दस्तक है उस भविष्य की जिसे हम अपनी आने वाली पीढ़ी को भेट करने वाले है और प्रतिदिन कर रहे है।

धन को सर्वोपरि प्रधानता, सभी मानवीय और ईस्वरीय मूल्यों का तृस्कार, स्वय की हानि का अथाह ज्ञान और अन्य के अपार शोक का नगण्य भी नहीं, स्वय की गयी सहायता का बखान और अन्य की आजीवन निच्छल सेवा का कोई संज्ञान ही नहीं।

संभल जा रे मना, कही ऐसा न हो की आने वाले विनाश  का दृश्य देख तेरा कंठ रुध, नेत्र पाषाण, जिव्या काठ  बन जाये। 

उठ, तन और देख जरा इस स्वार्थ के उस पार तू किस विनाश को सींच रहा है, जब समय मिले तो जा बैठ किसी पेड़ की एकांत छाँव में और गिन क्या सब अच्छा सिर्फ तूने ही किया है? एक उत्तर भी ना में निकले तो लगा जोर और हरा दे इस लालसा को, पलट दे  सब स्वार्थ के पाट, स्वीकार कर "वासुदेव कुटुंब" को, नहीं तो चुन ले अपने और अपने लाड़ली-लाड़लो के लिए ऊपर के एक समाचार को, ३ में से १ तो प्रिय ही होगा तेरा।  .........

 जा बैठ और ढूँढ.... कब खोया तूने ।


Reference:
Redmond CEO is on road
Techi found mom skeleton at home
Buxor DM killed himself